उफ़... तेरी ये आंखे............. कुछ ना कहकर भी ...... बहुत कुछ कह जाती हैं ........ उफ़... तेरी ये आंखे............. कुछ ना कहकर भी ...... बहुत कुछ कह जाती है...
ये मेरी कुछ बेहिसाब सी कहानी है, बहुत खामोश, पर ऐसी ही ज़िंदगानी है।। ये मेरी कुछ बेहिसाब सी कहानी है, बहुत खामोश, पर ऐसी ही ज़िंदगानी है।।
मेरे सीने पर एक रात अपनी उँगलियों से एक बेतरतीब - सी पेंटिंग बनाई थी तुमने... मेरे सीने पर एक रात अपनी उँगलियों से एक बेतरतीब - सी पेंटिंग बनाई थी तुमने...
हार और जीत दिन और रात शब्द हैं, एक दूसरे के पूरक! हार और जीत दिन और रात शब्द हैं, एक दूसरे के पूरक!
क्योंकि वो है सच्चे पवित्र दिल के मेरे अनमोल सपने। क्योंकि वो है सच्चे पवित्र दिल के मेरे अनमोल सपने।
अनकहे अल्फ़ाज़ तुम्हारे, मैं दिल से चुरा लेता हूँ, तू लिखे ना लिखे, मैं दास्ताँ - ए - प् अनकहे अल्फ़ाज़ तुम्हारे, मैं दिल से चुरा लेता हूँ, तू लिखे ना लिखे, मैं दास्ताँ...